अटलजी ने पूरा जीवन भीष्म पितामह के चरित्र में जियारू स्वामी बजरंगदास

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रूपाली बोली न्यूज, जोधपुर। मनुष्य का शरीर पापों से अपवित्र होता है। यदि मनुष्य पुण्य परमार्थ का सद्कर्म करें तो उससे बड़ा पवित्र शरीर नहीं होता। ये उदगार महंत स्वामी बजरंग दास महाराज ने गांव गंगवा में रामदेव मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भगवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दोरान व्यक्त किए।
स्वामी जी ने कहा कि कथा श्रवण ही ऐसा फल है, जिसमें गुठली छिलका नहीं है, केवल रस ही रस है। कथा प्रसंग में दुर्योधन के स्वभाव का वर्णन करते हुए कहा कि दुष्ट व्यक्ति अंत समय तक दुष्टता का त्याग नहीं करता। महंत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अपना पूरा जीवन भीष्म पितामह की तरह मानवता के कल्याण के लिए जिया है। इस अवसर पर विधायक रणवीर गंगवा, साध्वी बहन पवित्रा, सरजीत गंगवा गांव में श्रीमद्भगवत कथा के दौरान भाजपा महामंत्री सुजीत कुमार, विधायक रणवीर गंगवा मुकलान, अनिल गोदारा, नम्बरदार मनोहर लाल आक, कुम्हार सभा ग्राम गंगवा के प्रधान मुकनाराम धतरवाल, सुरती देवी, मंदिर पुजारी नारायण दास, संदीप गंगवा, दौलतराम गेदर, राजेन्द्र धतरवाल, भाल सिंह, सुरेन्द्र बिश्नोई, भगवान दास मौजूद थे।