रूपाली बोली न्यूज, सोनगढ़। सोनगढ़ से ओटा जाने वाले स्टेट हाइवे पर स्थित प्राचीन गोमुख महादेव मंदिर में बारिश शुरू होते ही पर्यटकों की संख्या बढने लगती है। यह स्थान चारों ओर घने जंगलों से घिरा है। कल-कल कर बहते झरने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। शनिवार और रविवार की छुट्टियों में पर्यटकों की भारी भीड़ होती है। सूरत, बारडोली, नवसारी, नवापुर और अन्य शहरों के पर्यटक यहां छुट्टियां बिताने आते हैं। सोनगढ़ से ओटा जाने वाले स्टेट हाइवे पर दोण गांव के नजदीक गोमुख शिवालय है। मुख्य सड़क छोडने के बाद करीब चार किमी जंगल से होकर यहां जाने का रास्ता है। चार किमी का यह रास्ता दोनों ओर बड़े-बड़े पेड़ों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। रास्ते पर कल-कल कर बहते झरने बहुत ही मनोरम लगते हें। यहां गोमुख से हमेशा पानी बहता रहता है। यह पानी अत्यंत शुद्ध है। यहां पर्यटकों के स्नान करने के लिए कुंड भी बनाया गया है। कुंड में स्नान करने के बाद पर्यटक भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर की बांई ओर करीब 80 सीढियां नीचे उतरने के बाद एक झरना है। इस झरने का पानी 15 फीट ऊपर से गिरता है। यह झरना केवल बारिश के मौसम में दिखाई देता है। झरने के बगल ही अंबाजी का मंदिर है। इसके आसपास जंगल में बंदरों का झुंड रहता है। जो पर्यटकों का मनोरंजन करता है। सूरत और आसपास के पर्यटक अपने साथ खाने-पीने का सामान लेकर आते जो बंदरों में बांटते हैं। मंदिर के नजदीक बच्चों के खेलने की पूरी व्यवस्था है। पर्यटकों का पूरा दिन यहां घूमने में ही बीत जाता है।
इस प्रकार पहुंच सकते हैं गोमुख मंदिर :
गोमुख मंदिर पर जाने के लिए सूरत से सोनगढ़ आने के बाद ओटा चौराहे से बांई ओर टोकरवा होकर जाने का रास्ता है। लगभग 14 किमी का सफर करने के बाद दोण गांव पाटिया से बांई ओर 4 किमी जंगल में जाने के बाद गोमुख आता है।
गोमुख का प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख:
गोमुख का प्राचीन ग्रंथों में भी उल्लेख किया गया है। मंदिर के पुजारी अजय बापू और भरतभाई गामित ने बताया कि सतयुग में एक बार भयंकर अकाल पड़ा था। उस समय गौतम ऋषि इन्हीं जंगलों से होकर जा रहे थे। एक दिन गौतम ऋषि गांव में ठहरे हुए थे तब ग्रामीणों ने पानी की समस्या दूर करने की उनसे प्रार्थना की। गौतम ऋषि ने भगवान शिव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न किया और अपने तपोबल से यहां गंगा को अवतरित किया। इस प्रकार उन्होंने ग्रामीणों की पानी की समस्या को दूर किया था। गौतम ऋषि के हाथों ही शिवलिंग की स्थापना की गई थी।
गोमुख महादेव मंदिर से शबरीधाम और सापूतारा जाने का रास्ता आसान:
गोमुख महादेव मंदिर से आगे बढ़ते ही इसी रास्ते पर शबरीधाम और पंपा सरोवर स्थित है। इसके नजदीक ही गिराधोध है। इसी रास्ते से होकर सापूतारा जाना आसान है।
– संकलनकर्ता- दीपक शर्मा, सोनगढ़, गुजरात