शहर के पुनीत और यशी ने ई-पत्रिका से भेजा आमंत्रण, डिस्पोजल आइटम्स से बनाई दूरी
शादी में मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट में मिले पौधे
रूपाली बोली न्यूज, इन्दौर। यूं तो शहर में हर दिन शादियां होती है, जिन पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन गत दिनों शहर में एक ऐसी अनूठी शादी हुई, जिसका मकसद समय, पैसा और संसाधन बचाने के साथ पर्यावरण संरक्षण कर समाज में योगदान देना था। शादी में कोई गिफ्ट नहीं लिया गया, बल्कि रिटर्न गिफ्ट के रूप में मेहमानों को पौधे दिए गए। यह ईको फ्रेंडली वेडिंग थी शहर के पुनीत उपाध्याय ओर यशी उपाध्याय की, जिसमें मेहमानों को 500 सेपलिंग वितरित की गई। शादी के बाद पुनीत और यशी ने स्वयं भी पौधे लगाए। आर्किटेक्ट पुनीत कहते हैं कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना कम से कम संसाधनों में शादी करना मेरा मकसद था। जब घरवालों को यह बाद बताई तो उन्हें आईडिया पंसद आया। मेरी दादी खुद आगे आकर बोली पोधों में तुलसी के पौधे जरुर शामिल करना। यशी के घरवालों से बात करने से पहले मुझे संकोच जरुर हो रहा था, लेकिन उनको भी मेरा विचार बहुत पंसद आया। हालांकि बाहर वालों ने मेरा विरोध किया। कई लोगों ने यह भी कहा कि तरा दिमाग खराब हो गया है, गिफ्ट न लेकर अपना नुकसान क्यों कर रहा है। पुनीत कहते है कि में कोई अकेला या अलग नहीं हूं, जो इस तरह के बोल्ड निर्णय लेकर समाज के लिए सहयोग कर रहा हूँ। आज कई लोग ऐसे काम कर रहे हैं। अगर हम में से कुछ लोग भी अपनी ऐसी सोच रखें तो हम बेहतर भविष्य सुनिश्चि कर पाएंगे। अगर 500 पौधों में से आधे भी ठीक से विकसित हो गए तो यही बड़ी उपलब्धि होगी। इस तरह के इवेंट इंको-फ्रेंडली और वैल्यू फ्रैंडली होने चाहिए।
मुझे गर्व है पुनीत ने इस तरह की शादी का निर्णय लिया |
एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने वाली यशी कहती है मुझे गर्व है पुनीत ने इस तरह की शादी का निर्णय लिया। आज हम समाज में योगदान देने की जगह उसे बर्बाद कर रहे है। मैं खुश हूँ मेरी शादी में पेड़ों को नष्ट करने की जगह, उनकी संख्या बढ़ाने को ई-पत्रिका से बुलाया गया। शादी के भोज में एक भी डिस्पोजबल आइटम नहीं था। यहां तक कि पानी के लिए तांबे के लोटे रखे गए थे, उसी से लोगों को पानी सर्व किया जा रहा था। पुनीत के पिता गिरीश उपाध्याय कहते है कि लोग सोचते है जब तक कार्ड देने नहीं जाएंगे लोग नहीं आएंगे। यह सोच बिल्कुल गलत है। विवाह में 1300 लोगों को आमंत्रित किया था। उस दिन भारी वारिश के बावजूद 90 फीसदी लोगों ने शादी में भाग लिया।