75 वर्ष की उम्र में गीता बाई ने लिया देहदान का संकल्प

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गीता बाई

रूपाली बोली न्यूज, चित्तौडगढ़। मन में सेवा के भाव जागृत हो तो उम्र का कोई बंधन नहीं रह जाता है। इसी कथन को गत दिनों चित्तौडगढ़ के प्रतापनगर क्षेत्र में सेठ सांवरिया कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय गीता बाई उपाध्याय ने चरितार्थ कर दिखाया। गीता बाई ने पुत्र गोपाल उपाध्याय एवं पुत्री नूतन द्विवेदी के साथ आचार्य तुलसी ब्लड फाउण्डेशन (एटीबीएफ) चित्तौडगढ़ के देहदान विभाग के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश ओदित्य से मिल उन्हें देहदान का संकल्प पत्र सौंपा। गीता बाई के पति रामचन्द उपाध्याय भारतीय सेना में इलेक्ट्रिशियन थे। जिनकी वर्ष 2009 में सेवानिवृत्ति के बाद वर्ष 2013 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से ही गीता बाई के मन में लंबे समय से देहदान की भावना थी। उनका मानना था कि जिंदगी पूरी होने के बाद भी ये शरीर किसी के काम आए तो इससे बड़ा पुण्य कुछ नहीं हो सकता है।
माता के मन के भाव अडिग देख पुत्र उदयपुर में निवास कर रहे गोपाल एवं चित्तौडगढ़ में ही रहने वाली नूतन भी इसके लिए सहमत हो गए और माता का देहदान का संकल्प पत्र सौंपने के लिए आगे आए।
औदिच्य ने बताया कि गीता बाई द्वारा भरे गए फार्म के आधार पर उनका उदयपुर स्थित आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एनॉटोमी विभाग में पंजीयन कराया जाएगा। इस पंजीयन के आधार पर भविष्य में देहदान किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि गीता बाई की स्वयं की इच्छा थी कि उनकी देह भविष्य में उदयपुर के मेडिकल कॉलेज को पीडिघ्त मानवता की सेवा के लिए मिले।