रूपाली बोली न्यूज, इन्दौर :
यज्ञोपवीत/उपनयन संस्कार
प्रत्येक मानवीय संस्कार का अपना उद्देश्य है, ये संस्कार ही स्वास्थ्य रक्षा, समुचित भोजन, समयोचित व्यवहार, मन और बुद्धि का चहुँमुखी विकास, अनुशासन व संयम को प्रोत्साहित करते हैं, इन संस्कारों को प्रारंभ करने के प्रयत्न के पीछे हमारे ऋषि मुनियों का उद्देश्य एक प्रतिभा सम्पन्न, मेधा युक्त, विवेकशील और श्रद्धालु मानव का निर्माण करना ही रहा है।
ज्ञान की प्रधानता और आवश्यकता ने उपनयन संस्कार को मानव जीवन के लिए अनिवार्य किया, विद्यार्थी जिस क्षण से ज्ञान प्राप्ति के लिए उपस्थित होता है वह जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण होता है इसी कारण विद्वानों ने इसे दूसरा जन्म भी कहा है, इसका धार्मिक महत्व इतना है कि यदि किसी का उपनयन संस्कार पूर्व में ना हो सका हो तो विवाह के एक-दो दिन पहले आवश्यक रूप से करवाया जाता है।
इसी महत्ता के लिए गुर्जरगौड़ ब्राह्मण समाज, इंदौर मे संस्था मातृशक्ति नमन द्वारा गुर्जरगौड़ ब्राह्मण समाज के बटुकों के सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार का आयोजन दिनांक 9 दिसंबर 2018 रविवार को गौतम आश्रम, एरोड्रम रोड़, इंदौर में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम प्रातः 8 बजे प्रारम्भ हो जाएगा अतः सभी समाज बंधुओं से आग्रह है कि सपरिवार पधारकर बटुकों का उत्साह बढ़ायें एवं स्वयं के परिवार में पल्लवित हो रहे बच्चों में यथासंभव संस्कारों को प्रारंभ करने का संकल्प लें।